शहर के निजी और एडेड कॉलेजों के प्रोफेसरों की सेवा-निवृत्ति उम्र चंडीगढ़ के सरकारों कॉलेजों के प्रोफेसरों के सामान किए जाने से इन्कार किए जाने के हाईकोर्ट की सिंगल बेंच के फैसले के खिलाफ अब डबल बेंच में अपील दायर कर दी गई है। हाईकोर्ट ने इस मामले में चंडीगढ़ प्रशासन से जवाब मांगा है।
शुक्रवार को जस्टिस राजेश भारद्वाज और जस्टिस अलोक जैन की खंडपीठ में से जस्टिस अलोक जैन ने इस मामले से खुद को अलग करते हुए इस अपील को अन्य बेंच को रेफर किए जाने के लिए चीफ जस्टिस को भेज दिया है। अब चीफ जस्टिस के आदेशों पर हाईकोर्ट की अन्य खंडपीठ इस अपील पर सुनवाई करेगी।
बता दें कि शहर के एक निजी एडेड कॉलेज के प्रोफेसर ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर कहा था कि केंद्र सरकार ने 29 मार्च को शहर के कॉलेजों के प्रोफेसरों की सेवा-निवृत्ति ऐज यूजीसी के रेगुलेशन के अनुसार 60 से बढ़ाकर 65 वर्ष कर दी है। ऐसे उसकी भी सेवा-निवृत्ति उम्र 65 की जाए क्योंकि उनका कॉलेज भी एआईसीटीई और यूजीसी की रेगुलेशन के तहत ही आता है।
जस्टिस राजबीर सेहरावत की सिंगल बेंच ने 23 दिसंबर को इस याचिका को खारिज करते हुए कहा कि 29 मार्च की नोटिफिकेशन शहर के सरकारी कॉलेजों के प्रोफेसरों के लिए हैं और याचिकाकर्ता जिस कॉलेज में कार्यरत है वह निजी एडेड कॉलेज है सरकारी कॉलेज नहीं है। ऐसे में इस नोटिफिकेशन के तहत उसे राहत नहीं दी जा सकती है। सिंगल बेंच के इसी फैसले को अब याचिकाकर्ता ने हाईकोर्ट की डबल बेंच में अपील दायर कर चुनौती दे दी है। शुक्रवार को याचिका अन्य बेंच को रेफर किए जाने के चलते इस याचिका पर बिना कोई आदेश जारी किए सुनवाई स्थगित कर दी गई है।
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